जिले में उद्योग स्थापित करने के लिए देश की नामी कंपनियों ने रुचि दिखाते हुए राज्य शासन से वर्ष 2008 - 09 में एमओयू किया था। जिला प्रशासन ने औद्योगिक घरानों को जमीन का आवंटन भी किया। दो दर्जन संयंत्र स्थापित करने के लिए 5,810 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया। इनमें से 4,093 एकड़ किसानों की निजी भूमि है। जबकि 1717 एकड़ शासकीय भूमि है। 12 साल हो जाने के बाद भी ज्यादातर उद्योग स्थापित नहीं हो सके। सयंत्र शुरू नहीं होने के चलते अब जमीन वापसी की मांग उठने लगी है।

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